राहु और केतु ज्योतिष शास्त्र में छाया ग्रह माने जाते हैं, जिनका सीधा संबंध कर्म, रहस्यमयी शक्तियों और पूर्व जन्म के प्रभावों से होता है। जब ये ग्रह अशुभ स्थिति में होते हैं, तो “राहु-केतु दोष” उत्पन्न होता है, जो व्यक्ति के जीवन में कई तरह की समस्याएँ ला सकता है।
इस लेख में हम राहु-केतु दोष को विस्तार से समझेंगे, इसके लक्षण, प्रभाव, समाधान और FAQ सहित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे।
राहु और केतु किसी भी व्यक्ति की कुंडली में एक विशेष स्थिति में होते हैं। यदि ये ग्रह अशुभ स्थानों पर होते हैं या अन्य ग्रहों के साथ दूषित योग बना रहे होते हैं, तो व्यक्ति को राहु-केतु दोष का सामना करना पड़ता है।
यह दोष कई रूपों में हो सकता है, जैसे:
✅ कालसर्प योग
✅ पितृ दोष
✅ ग्रहण दोष
✅ शनि-राहु योग
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में यह दोष होता है, तो उसे निम्नलिखित समस्याएँ हो सकती हैं:
🔥 स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ: बार-बार बीमार रहना, मानसिक तनाव, नींद न आना।
🔥 आर्थिक समस्याएँ: धन हानि, निवेश में घाटा, करियर में रुकावट।
🔥 वैवाहिक जीवन में बाधाएँ: देरी से विवाह, पारिवारिक कलह, संतान संबंधी समस्याएँ।
🔥 भय और भ्रम: अनजाना डर, आत्मविश्वास की कमी, बुरे सपने।
🔥 व्यवसाय में असफलता: व्यापार में अचानक नुकसान, कोर्ट-कचहरी के मामले।
1️⃣ कालसर्प दोष – संतान, करियर और धन हानि से संबंधित समस्याएँ।
2️⃣ गुरु-राहु चांडाल दोष – विद्या और शिक्षा में बाधा।
3️⃣ शनि-राहु शापित दोष – जीवन में संघर्ष और मेहनत के बावजूद सफलता में देरी।
4️⃣ पितृ दोष – परिवार में कष्ट, आर्थिक हानि और पूर्वजों का कर्ज।
5️⃣ ग्रहण दोष – सूर्य या चंद्र ग्रहण के समय जन्म लेने से उत्पन्न अशुभ प्रभाव।
🔹 मंगलवार और शनिवार का व्रत रखें।
🔹 राहु मंत्र (“ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः”) का 108 बार जाप करें।
🔹 केतु मंत्र (“ॐ कें केतवे नमः”) का नियमित जाप करें।
🔹 भगवान शिव की पूजा करें और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
🔹 काले तिल, नारियल और सरसों का तेल दान करें।
🔹 सर्पों को दूध पिलाना शुभ माना जाता है।
🔸 राहु-केतु की शांति के लिए रत्न पहनना।
🔸 नवग्रह शांति पूजा कराना।
🔸 रुद्राभिषेक और महामृत्युंजय जाप कराना।
🔸 नंदी बैल (भगवान शिव के वाहन) को हरा चारा खिलाना।
🔸 गाय को गुड़ और चने का दान करना।
⚠️ मांसाहार और नशे से दूर रहें।
⚠️ झूठ, चोरी और गलत कर्मों से बचें।
⚠️ किसी भी स्त्री या बुजुर्ग का अपमान न करें।
⚠️ अमावस्या को किसी गरीब को भोजन कराएँ।
⚠️ परिवार के बड़ों का सम्मान करें और उनकी सेवा करें।
❓ राहु-केतु दोष कितने साल तक असर करता है?
✅ यह आमतौर पर 18 साल तक प्रभावी रहता है, लेकिन सही उपायों से इसे कम किया जा सकता है।
❓ क्या राहु-केतु दोष के कारण विवाह में देरी होती है?
✅ हाँ, यदि राहु-केतु विवाह भाव में स्थित हैं, तो विवाह में देरी या बाधा आ सकती है।
❓ क्या कालसर्प योग भी राहु-केतु दोष का हिस्सा है?
✅ हाँ, कालसर्प दोष राहु-केतु के कारण उत्पन्न होता है और जीवन में कई समस्याएँ ला सकता है।
❓ क्या कोई विशेष मंत्र राहु-केतु दोष को शांत कर सकता है?
✅ हाँ, “ॐ राहवे नमः” और “ॐ कें केतवे नमः” मंत्रों का जाप बहुत लाभकारी होता है।
❓ क्या राहु-केतु दोष का कोई स्थायी उपाय है?
✅ नियमित पूजा-पाठ, सही कर्म, मंत्र जाप और ज्योतिषीय उपाय करने से यह दोष काफी हद तक शांत हो सकता है।
❓ राहु-केतु दोष के निवारण के लिए कौन-सा रत्न पहनना चाहिए?
✅ राहु दोष के लिए गोमेद और केतु दोष के लिए लहसुनिया (कैट्स आई) पहनना शुभ होता है।
❓ राहु-केतु दोष से छुटकारा पाने के लिए कौन-से भगवान की पूजा करनी चाहिए?
✅ भगवान शिव, हनुमान जी और कालभैरव की पूजा सबसे प्रभावी मानी जाती है।
राहु-केतु दोष व्यक्ति के जीवन में कई बाधाएँ उत्पन्न कर सकता है, लेकिन सही उपाय और पूजा-पाठ से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है। यदि आप राहु-केतु दोष से परेशान हैं, तो किसी अच्छे ज्योतिषी से परामर्श लें और उचित समाधान अपनाएँ।