कालथरा दोष (Kalathra Dosha) एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय दोष है, जो विशेष रूप से वैवाहिक जीवन को प्रभावित करता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में यह दोष होता है, तो उसे शादी में देरी, दांपत्य जीवन में अशांति, तलाक, या जीवनसाथी के स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ झेलनी पड़ सकती हैं।
इस लेख में हम कालथरा दोष के कारण, इसके लक्षण, प्रभाव, निवारण के उपाय और इससे बचने की सावधानियों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। साथ ही, अंत में महत्वपूर्ण FAQs का उत्तर भी दिया गया है।
संस्कृत में “काल” का अर्थ होता है समय और “थरा” का अर्थ है जीवनसाथी। यानी यह दोष वैवाहिक जीवन और जीवनसाथी पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।
यदि सप्तम भाव (7th house) में अशुभ ग्रह (मंगल, शनि, राहु, केतु, सूर्य) स्थित हों, या इस भाव का स्वामी कमजोर हो, तो कालथरा दोष उत्पन्न होता है। सप्तम भाव विवाह, जीवनसाथी और दांपत्य सुख का कारक है, इसलिए इसका दूषित होना विवाह संबंधी समस्याएँ लाता है।
🔹 सप्तम भाव में अशुभ ग्रहों की स्थिति – मंगल, राहु, केतु, शनि या सूर्य का प्रभाव।
🔹 सप्तमेश का कमजोर या नीच राशि में होना – यदि विवाह का स्वामी ग्रह अशक्त हो तो विवाह में समस्याएँ आती हैं।
🔹 शुक्र ग्रह का अशुभ प्रभाव – शुक्र प्रेम और दांपत्य जीवन का ग्रह है, इसका कमजोर होना वैवाहिक जीवन में परेशानियाँ लाता है।
🔹 कुंडली में मंगल दोष या पित्र दोष का होना – यह दोष वैवाहिक जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।
🔹 द्वितीय, चौथे, आठवें और बारहवें भाव में अशुभ ग्रहों का प्रभाव – ये भाव पारिवारिक सुख, धन, और मानसिक शांति से जुड़े होते हैं।
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में यह दोष है, तो उसे निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है:
🔥 विवाह में देरी – विवाह का प्रस्ताव बार-बार असफल होना या विवाह में रुकावटें आना।
🔥 वैवाहिक जीवन में कलह – पति-पत्नी के बीच झगड़े, अलगाव, और रिश्तों में कटुता।
🔥 तलाक या अलगाव की संभावना – अत्यधिक तनावपूर्ण विवाह, जो अंततः तलाक तक पहुँच सकता है।
🔥 जीवनसाथी की सेहत संबंधी परेशानियाँ – शादी के बाद जीवनसाथी को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं।
🔥 नकारात्मक ऊर्जा और अविश्वास – रिश्ते में शक, अविश्वास और नकारात्मकता बनी रहती है।
🔥 अनैतिक संबंधों की संभावना – कालथरा दोष से प्रभावित व्यक्ति के विवाहेतर संबंध बनने की संभावना बढ़ जाती है।
🔥 आर्थिक समस्याएँ – दांपत्य जीवन में आर्थिक अस्थिरता बनी रह सकती है।
1️⃣ मंगल जनित कालथरा दोष – जब मंगल सप्तम भाव में हो और विवाह को प्रभावित करे।
2️⃣ शनि जनित कालथरा दोष – शनि के कारण वैवाहिक जीवन में देरी और संघर्ष होता है।
3️⃣ राहु-केतु जनित कालथरा दोष – भ्रम, अविश्वास और विवाहेतर संबंधों की संभावना।
4️⃣ सूर्य जनित कालथरा दोष – अहंकार, अहंमन्यता और रिश्तों में कठोरता।
5️⃣ शुक्र से संबंधित कालथरा दोष – प्रेम जीवन में असफलता और वैवाहिक सुख की कमी।
🔹 सप्तम भाव के ग्रहों की शांति के लिए पूजा करें।
🔹 मंगल दोष हो तो हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें।
🔹 राहु-केतु दोष हो तो महामृत्युंजय मंत्र और कालसर्प दोष पूजा कराएँ।
🔹 गौ सेवा करें और बेसहारा लोगों को भोजन कराएँ।
🔹 प्रतिदिन शिवलिंग पर जल चढ़ाएँ और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
🔹 पति-पत्नी को संयुक्त रूप से शिव-पार्वती की पूजा करनी चाहिए।
🔸 शनिवार को पीपल के पेड़ पर दीपक जलाएँ।
🔸 गाय को हरा चारा और गुड़ खिलाएँ।
🔸 कुंडली के अनुसार उचित रत्न धारण करें।
🔸 नवग्रह शांति और रुद्राभिषेक कराएँ।
🔸 चंद्रमा की शांति के लिए सोमवार का व्रत रखें।
⚠️ विवाह के लिए शुभ मुहूर्त का चयन करें।
⚠️ राहुकाल में शादी या सगाई न करें।
⚠️ माता-पिता और बड़ों का आशीर्वाद लें, क्योंकि उनके आशीर्वाद से नकारात्मकता कम होती है।
⚠️ यदि मंगल दोष हो तो बिना उपाय के विवाह न करें।
⚠️ संयम और धैर्य बनाए रखें, जल्दबाजी में निर्णय न लें।
❓ कालथरा दोष कितने साल तक असर करता है?
✅ यह व्यक्ति की कुंडली पर निर्भर करता है, लेकिन सही उपाय करने से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है।
❓ क्या कालथरा दोष के कारण तलाक हो सकता है?
✅ हाँ, यदि इस दोष का सही समाधान न किया जाए तो यह तलाक या गंभीर वैवाहिक समस्याओं का कारण बन सकता है।
❓ क्या मंगल दोष और कालथरा दोष एक ही हैं?
✅ नहीं, दोनों अलग हैं। मंगल दोष विवाह में बाधा डाल सकता है, जबकि कालथरा दोष विवाह के बाद समस्याएँ उत्पन्न करता है।
❓ क्या कालथरा दोष का प्रभाव केवल शादीशुदा लोगों पर होता है?
✅ नहीं, अविवाहित लोगों के लिए भी यह दोष विवाह में देरी और अन्य संबंधी समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है।
❓ क्या कालथरा दोष का कोई स्थायी समाधान है?
✅ नियमित पूजा-पाठ, मंत्र जाप, और ज्योतिषीय उपाय करने से इसका प्रभाव काफी हद तक कम किया जा सकता है।
❓ कालथरा दोष की शांति के लिए कौन-सा रत्न पहनना चाहिए?
✅ यह कुंडली पर निर्भर करता है, लेकिन आमतौर पर नीलम, पुखराज, या ओपल लाभकारी हो सकते हैं।
कालथरा दोष व्यक्ति के विवाह और दांपत्य जीवन में गंभीर प्रभाव डाल सकता है। लेकिन सही उपाय, पूजा-पाठ और ज्योतिषीय मार्गदर्शन से इस दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है। यदि आपको कालथरा दोष से संबंधित कोई समस्या हो, तो किसी योग्य ज्योतिषी से परामर्श करें और उचित समाधान अपनाएँ।