मांगलिक दोष एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय विषय है, जो शादी और दांपत्य जीवन से जुड़ी कई धारणाओं और आशंकाओं से जुड़ा हुआ है। भारतीय ज्योतिष के अनुसार, जब किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह कुछ विशेष भावों में स्थित होता है, तो उसे मांगलिक दोष कहा जाता है।
यह माना जाता है कि इस दोष के कारण विवाह में देरी, वैवाहिक जीवन में समस्याएं, और जीवनसाथी के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि, इस दोष के निवारण के लिए कई ज्योतिषीय उपाय भी उपलब्ध हैं। इस लेख में, हम मांगलिक दोष से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी को विस्तार से जानेंगे।
मांगलिक दोष तब उत्पन्न होता है जब मंगल ग्रह किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में निम्नलिखित भावों में स्थित होता है:
1️⃣ प्रथम भाव (लग्न भाव) – यह व्यक्ति के स्वभाव और व्यवहार को प्रभावित करता है।
2️⃣ चतुर्थ भाव – इससे घरेलू जीवन में समस्याएं हो सकती हैं।
3️⃣ सप्तम भाव (विवाह भाव) – विवाह में देरी और वैवाहिक जीवन में तनाव का कारण बन सकता है।
4️⃣ अष्टम भाव – यह आर्थिक नुकसान और दुर्घटनाओं से जुड़ा होता है।
5️⃣ द्वादश भाव – दांपत्य जीवन में संघर्ष और मानसिक तनाव का कारण बन सकता है।
यदि मंगल इन भावों में स्थित हो, तो व्यक्ति को मांगलिक माना जाता है। ऐसे जातकों को आमतौर पर मांगलिक जीवनसाथी से विवाह करने की सलाह दी जाती है ताकि दोष का प्रभाव कम हो सके।
मांगलिक दोष विभिन्न प्रकार से व्यक्ति के जीवन को प्रभावित कर सकता है। यह प्रभाव सकारात्मक और नकारात्मक दोनों हो सकते हैं।
🔹 विवाह में देरी और कठिनाइयाँ
🔹 पति-पत्नी के बीच असहमति और तनाव
🔹 आर्थिक समस्याएँ और नौकरी में अस्थिरता
🔹 दुर्घटनाओं और स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा
🔹 पारिवारिक विवाद और घरेलू कलह
यदि मंगल शुभ ग्रहों के साथ होता है या किसी विशेष स्थिति में होता है, तो इसके सकारात्मक परिणाम भी हो सकते हैं:
🔹 व्यक्ति आत्मनिर्भर, साहसी और महत्वाकांक्षी बन सकता है।
🔹 करियर में उच्च सफलता प्राप्त कर सकता है।
🔹 नेतृत्व क्षमता विकसित हो सकती है।
यदि किसी की कुंडली में मांगलिक दोष है, तो उसे चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। इस दोष को कम करने के लिए कई उपाय उपलब्ध हैं।
✔ हनुमान जी की पूजा करें – मंगलवार को हनुमान जी की आराधना करें और सुंदरकांड का पाठ करें।
✔ गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें – यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में मदद करता है।
✔ विवाह से पहले कुंभ विवाह करें – एक पीपल के वृक्ष या मिट्टी के घड़े से प्रतीकात्मक विवाह कर मांगलिक दोष को कम किया जा सकता है।
✔ मंगल ग्रह से संबंधित रत्न पहनें – जैसे कि मूंगा (Red Coral), इसे सोने या तांबे की अंगूठी में मंगलवार को धारण करें।
✔ मंगल ग्रह से संबंधित दान करें – मसूर दाल, लाल कपड़े, तांबे के बर्तन, और गुड़ का दान मंगलवार के दिन करें।
✔ नित्य प्रातः सूर्य को जल अर्पित करें।
✔ नारियल और बादाम किसी मंदिर में चढ़ाएं।
✔ मंगलवार का उपवास रखें और लाल रंग के वस्त्र पहनें।
✔ नवरात्रि में कन्या पूजन करें और उन्हें भोजन कराएं।
आजकल, मांगलिक दोष को लेकर समाज में कई अलग-अलग धारणाएँ हैं। कुछ लोग इसे बहुत गंभीर मानते हैं, जबकि कुछ इसे नजरअंदाज करते हैं।
🔹 पुराने समय में, मांगलिक दोष को बहुत अशुभ माना जाता था और मांगलिक व्यक्ति के विवाह में कई बाधाएँ आती थीं।
🔹 आधुनिक समय में, लोग इसे कम मानते हैं और वैवाहिक संबंधों में कुंडली की बजाय आपसी समझ को अधिक महत्व देते हैं।
हालांकि, यदि किसी की कुंडली में मांगलिक दोष है, तो विवाह से पहले कुंडली का मिलान कर लेना अच्छा रहता है।
✅ मांगलिक दोष के कारण विवाह में देरी, दांपत्य जीवन में तनाव, और कभी-कभी तलाक जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
✅ विशेष पूजा, मंत्र जाप, हनुमान जी की भक्ति, मूंगा रत्न धारण करना, और मंगल ग्रह से संबंधित दान करने से इस दोष को कम किया जा सकता है।
✅ हां, लेकिन इस स्थिति में कुंभ विवाह या अन्य ज्योतिषीय उपायों का पालन करना आवश्यक हो सकता है।
✅ मांगलिक दोष का निर्धारण मंगल ग्रह की स्थिति देखकर किया जाता है। यदि मंगल 1st, 4th, 7th, 8th, या 12th भाव में हो, तो व्यक्ति मांगलिक होता है।
✅ पारंपरिक रूप से, इसे विवाह में बड़ी बाधा माना जाता था, लेकिन आजकल लोग इसे उतना गंभीर नहीं मानते।
✅ नहीं, यह करियर, स्वास्थ्य और पारिवारिक संबंधों को भी प्रभावित कर सकता है।
मांगलिक दोष को लेकर कई भ्रांतियाँ फैली हुई हैं, लेकिन सही उपाय और जागरूकता से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है। यदि कुंडली में मांगलिक दोष पाया जाता है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। ज्योतिषीय उपायों और सकारात्मक सोच से इस दोष के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है।
अगर आप या आपके परिवार में कोई मांगलिक दोष से प्रभावित है, तो किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श करें और सही समाधान अपनाएं।